नई दिल्ली। अब 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। केंद्र सरकार ने टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दिया है। सरकार के इस कदम से सैलरी क्लास और कम इनकम वाले ग्रुप को खास तौर पर फायदा होगा। पहले से उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इनकम टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत का ऐलान कर सकती है।
टैक्स नेट बढ़ने से बढ़ा टैक्स कलेक्शन
केंद्र सरकार ने 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद टैक्स नेट में बड़े पैमाने पर लोग शामिल हुए है। सरकार का दावा है कि नोटबंदी के बाद लगभग 1 करोड़ ऐसे लोग टैक्स नेट में आए हैं जिन्होंने पहली बार इनकम टैक्स दिया है। टैक्स नेट बढ़ने की वजह से सरकार के पास गुंजाइश थी कि वह इनकम टैक्स की सीमा को 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक कर दे।
40,000 तक ब्याज से होने वाली इनकम पर नहीं देना होगा टैक्स
अब आपको सालाना 40,000 रुपए की ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। पहले ब्याज पर इनकम टैक्स छूट की सीमा 10,000 रुपए थी। यह छूट पोस्ट ऑफिस और बैंक में पैसा जमा करने पर मिलने वाले ब्याज के लिए है। केंद्र सरकार के इस कदम से एक बार फिर सैलरी क्लास और रिटायर्ड लोगों को टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। काफी समय से ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाए जाने की मांग हो रही थी।
80 सी के तहत नहीं बढ़ी टैक्स छूट की सीमा
केंद्र सरकार ने 80 सी के तहत टैक्स छूट की सीमा को पुराने स्तर यानी 1.5 लाख रुपए पर रही बनाए रखा है। 80 सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपए तक निवेश करके टैक्स छूट क्लेम किया जा सकता है।
