नई दिल्ली। अब 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। केंद्र सरकार ने टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दिया है। सरकार के इस कदम से सैलरी क्लास और कम इनकम वाले ग्रुप को खास तौर पर फायदा होगा। पहले से उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इनकम टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत का ऐलान कर सकती है। टैक्स नेट बढ़ने से बढ़ा टैक्स कलेक्शन केंद्र सरकार ने 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद टैक्स नेट में बड़े पैमाने पर लोग शामिल हुए है। सरकार का दावा है कि नोटबंदी के बाद लगभग 1 करोड़ ऐसे लोग टैक्स नेट में आए हैं जिन्होंने पहली बार इनकम टैक्स दिया है। टैक्स नेट बढ़ने की वजह से सरकार के पास गुंजाइश थी कि वह इनकम टैक्स की सीमा को 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक कर दे। 40,000 तक ब्याज से होने वाली इनकम पर नहीं देना होगा टैक्स अब आपको सालाना 40,000 रुपए की ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। पहले ब्याज पर इनकम टैक्स छूट की सीमा 10,000 रुपए थी। यह छूट पोस्ट ऑफिस और बैंक में पैसा जमा करने पर मिलने वाले ब्याज के लिए है। केंद्र सरकार के इ
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बच्चों को अनुशासन सिखाने का मतलब, उन्हें सजा देना नहीं होता, बल्कि आपको उन्हें अच्छे से बर्ताव करना सिखाना होता है। [१] आपके बच्चे की उम्र के हिसाब से, आपको उन्हें अलग-अलग तरीके से अनुशासित करना होगा। अपने बच्चे को अनुशासित करते वक़्त, कुछ ऐसे नियम बनाकर शुरुआत करें, जिसे आपका बच्चा अच्छी तरह से समझ पाये। अनुशासन को अमल में लाते वक़्त, एकदम नियमित रहें, और कुछ ऐसे नियम बनाएँ, जो आपके बच्चे को सफलता की तरफ जाने को प्रेरित करे। आपका बच्चा जब कुछ अच्छा करे, तो उसे सपोर्ट करें और उसके अच्छे बर्ताव को प्रोत्साहित भी करें। 1 घर के लिए नियम बनाएँ: आपके बच्चे की उम्र के अनुसार, ये जरूरी है, कि उन्हें सही और गलत बर्ताव के बीच का अंतर मालूम हो। आपके बच्चे को मालूम होना चाहिए, कि घर के लिए नियम बनाकर, आप उनकी तरफ से क्या अपेक्षा रख रहे हैं। आपके बच्चे को मालूम होना चाहिए, कि उनका कौन सा बर्ताव सीमा से बाहर है, और नियम तोड़ने पर क्या होता है। [२] ये नियम और इनके परिणाम, आपके बच्चे की उम्र और उसके मेच्योरिटी लेवल के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। एक छोटे बच्चे के लिए, किसी को नहीं मारना ह
अच्छी खबर : रेडियो पर फिर चलेगी 'आओ अंग्रेजी सीखें' की क्लास, आज से कस्तूरबा व सरकारी जूनियर हाईस्कूल की छात्राएं सीखेंगी अंग्रेजी
लखनऊ : प्रदेश भर के सरकारी जूनियर हाईस्कूल से लेकर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को ‘रेडियो गुरु’ एक बार फिर अंग्रेजी बोलना सिखाएंगे। यूनिसेफ और लर्निंग रिर्सोस पुणे के सहयोग से सर्व शिक्षा अभियान राजधानी सहित प्रदेश भर में 'आओ अंग्रेजी सीखें' प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। इसकी शुरुआत 28 जनवरी से होगी। राज्य परियोजना निदेशालय के यूनिट इंचार्ज (गुणवत्ता) अजय कुमार सिंह ने सभी बीएसए को इसके निर्देश जारी किए हैं। राजधानी में 1839 सरकारी प्राइमरी, जूनियर स्कूल और आठ कस्तूरबा बालिक स्कूल संचालित हैं। कई बार अफसरों के निरीक्षण में सामने आया है कि इन स्कूलों के बच्चे ठीक से अंग्रेजी बोल और लिख नहीं पाते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों का संचालन शुरू करवाया। अब इन बच्चों की अंग्रेजी और मजबूत हो, इसके लिए फिर से रेडियो पर ऑडियो टीचर अंग्रेजी बोलना सिखाएंगे। इसके लिए बीएसए को 31 जनवरी तक शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी करवाने के निर्देश दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी डिस्ट्रीक को-ऑर्डिनेर को जिम्मेदारी दी गई है। वर्ष 2007 में हुई थी शुरुआत
भारत में 26 जनवरी खास महत्व रखता है। इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था यानि देश में कानून के राज की शुरुआत हुई। 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त है। हर साल इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत अपने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाता है। इंडिया गेट पर राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं और राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। आइए जानते हैं कि भारतवासियों के लिए क्यों खास है यह दिन- इसलिए है खास 26 जनवरी वर्ष 1929 के दिसंबर महीने में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पास हुआ कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का पद नहीं देता है तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा। इसके बावजूद 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया। इस दिन जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रवि नदी